
वो नानी घर की यादें | ek sachi story in hindi
आज की कहानी मैं आपको मेरे नानी घर की सुनाने जा रही हूं। नानी घर तो मेरा खत्म हो चुका है लेकिन मीठी यादें मैं कभी नहीं भुला सकती। वह हमेशा एक साये की तरह मेरे साथ रहती हैं। बचपन में मैं अपने नानी के पास रहती थी। मेरा नानी और नाना मुझे बहुत प्यार करते थे।
कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें हम ना तो मिल सकते हैं और ना ही छू सकते हैं सिर्फ महसूस कर सकते हैं।
जब भी मैं किसी वस्तु की मांग करती, तो उसी वक्त लाकर दे देते, जरा सी भी देर नहीं लगाते थे। मेरे साथ मेरे मामा के दो लड़के भी होते थे। हम बहुत मस्ती किया करते खेलते और कूदते, मैं जब भी घूमने की जिद करती तो मेरा मामा उसी वक्त मुझे ट्रैक्टर पर बिठा कर खेतों मेें घुमाने ले जाता।
मामा की तीन बहनें थी मेरी मम्मी सबसे बड़ी थी। एक दिन ऐसा आया कि मामा पास के एक पिंड में एक शादी में गया। और रात को वहां से घर की और आते ही साइकिल से गिर पड़ा। उस वक्त फोन तो होते ही नहीं थे। मैंने पूछा नानी मामा अब तक क्यों नहीं आए उसने बोला,
बेटा रह गए होंगे वहां पर, इसके बाद अगली सुबह होते ही किसी ने नानी को बताया कि तुम्हारा बेटा वहां गिरा पड़ा है।
हम सभी भागते हुए वहां पर गए। तो देखा मामा सड़क के एक किनारे की तरफ पड़ा था। तो साइकल दूसरी तरफ, नानी बेचारी ने उसी वक्त अपना शाल सिर से उतारकर मामा के ऊपर दे दिया कि कहीं उनको सर्दी ना लग जाए।
उसी वक्त जब एक पड़ोसी ने मामा को हिला कर देखा तो उसने कहा,"इसकी तो मौत हो चुकी है। यह सुनते ही नानी बेहोश होकर गिर पड़ी। हमारी जिंदगी में तो बस दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा उस वक्त, मामा मेरी दोनों मोसिओं और मम्मी का एक ही भाई था।
कुछ साल बाद मेरेे मामा के दोनों बच्चे बड़े हो गए। नाना और नानी को उन्हीं में अपना बेटा नजर आने लगा। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था मेरे मामा का छोटा बेटा 14 साल का था। एक दिन अचानक उसकी भी मौत हो गई जब डॉक्टर को दिखाया तो उसने कहा", इसको अटैक आ चुका है।
हमें ऐसा लग रहा था के पता नहीं किस की नजर लग गई मेरे नानी घर के परिवार को, 7 साल बाद मामा के बड़े बेटे सोनू की शादी कर दी गई, भले ही उसकी शादी हो गई थी लेकिन फिर भी वह बच्चों जैसा ही था। सारी जिम्मेदारियां मेरा नाना ही संभालता था।
इसके 2 साल बाद नाना की भी मौत हो गई। नाना के जाने के बाद नानी भी चल बसी इतनी उम्र तो नहीं थी उनकी जाने की, लेकिन पता नहीं भगवान को कितनी जरूरत थी उनकी, जो उनको भी अपने पास लेकर चले गये। मेरे मामा का बड़ा बेटा सोनू हम सभी से इतना प्यार करता था।कि कभी भी हमें मेरे नाना नानी और मामा की याद नहीं आई।
उसके होते, जब भी मेरे बच्चों को गर्मी की छुट्टियां होती तो मुझे सबसे पहले उसका फोन आता कि मैं लेने आऊं वह मुझे मेरे मम्मी के घर में कम रहने देता लेकिन अपने पास ज्यादा रखता लेकिन इस के बाद एक दिन ऐसा तूफान आया। कि हमारा सब कुछ लूट कर ले गया।
मेरे मामा का बेटा सोनू 1 दिन नाई की दुकान पर अपने बाल कटिंग करवा रहा था। पता नहीं अचानक क्या हुआ उसको, वहां पर ही वह हमें छोड़कर सदा के लिए चला गया। इसके आगे मैं बहुत कुछ लिखना चाहती हूँ। लेकिन अब और नहीं। मुझे पता है कि आप मेरी भावनाओं को जरूर समझोगे।
मैंने अपने बेडरूम में अभी भी मेरे नानी की तस्वीर लगा कर रखी है जब भी मैं उसे देखती हूं तो मुझे नानी का पूरा परिवार दिखने लगता है। इतने साल बीत गए। अभी भी मैंने उनकी यादों को अपने सीने से लगा कर रखा है।और उनकी राहें हमेशा देखती रहूं गी कि वह कब आएंगे।
मैं आप सभी से यह विनती करती हूं कि जब भी आपके बच्चे अपनी नानी के घर जाने को कहते हैं तो प्लीज कभी उन्हें मना मत कीजिएगा क्योंकि यह पल कभी वापस नहीं आते आपस में प्यार और आनंद से रहो क्योंकि जिंदगी का कोई भी भरोसा नहीं होता कि कब कहां पर क्या हो जाए।
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ReplyDeleteNice story
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