रिश्तों में तकरार | Ek Best Story
पुराने समय में लोग रिश्तो को बहुत अहमियत देते थे। लेकिन आज तो समय के साथ-साथ रिश्ते भी बदल चुके हैं। कोई किसी की परवाह तक नहीं करता और ना ही कोई किसी की कदर करता है। राज और शालू की कहानी भी इन्हीं रिश्तों पर आधारित है राज बहुत समझदार लड़का था। वह मेरे पड़ोस में रहता था। 1 दिन राज के पापा का दोस्त जर्मन से इंडिया आया। वह सबसे पहले अपने दोस्त राज के पापा को मिलने आया। बातों बातों में राज के पापा के मुंह से यह शब्द निकले के तुम्हें वह याद है।
जब हमने आपस में यह फैसला किया था कि जब हमारे बच्चे बड़े हो जाएंगे तो हम उनकी शादी कर देंगे। और दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल देंगे। यह सुनते ही शालू के पापा ने कहा" अरे यार मैं कैसे भूल सकता हूं हमारे सपने जरूर पूरे होंगे अभी 5:00 बजने ही वाले थे के शालू के पापा ने कहा" अब मुझे चलना चाहिए वक्त बहुत हो चुका है। एक महीना इंडिया लगाने के बाद शालू का पापा वापिस जर्मन चला गया। वहां पर पहुंचते ही ठीक 3 दिन बाद उसने राज के पापा को फोन किया, और कहां बधाई हो मेरी बेटी शालू मान गई है और हम 1 साल बाद इंडिया आ रहे हैं। शादी करने, यह सुनते ही राज के पापा ने अपनी पत्नी को कहा" सभी का मुंह मीठा करा दो आज, क्योंकि हमारे बच्चों की शादी जो हो रही है।
और शालू का परिवार ठीक 1 साल बाद इंडिया वापस आया। और शादी की तैयारियां शुरू कर दी गई फिर 1 दिन राज के पापा ने शालू के पापा को फोन किया। कि आज हम एक साथ डिनर करेंगे हमारे घर पर, तो प्लीज आइएगा जरूर मना मत कीजिएगा। जैसे ही शालू का परिवार राज के घर आया। तो राज की आंखें उसको देखती ही रह गई। पिंक टी शर्ट और जींस में वह बहुत प्यारी लग रही थी। उन्होंने खाना खाया और चाय पानी पिया और उसके बाद शालू की मम्मी ने राज को कहा" बेटा तुम भी आपस में कोई बातचीत कर लो,जान पहचान तो होनी चाहिए।
इस तरह वह दोनों घर के पास एक पार्क में जाकर बैठ गए। राज ने बड़े प्यार से शालू की तरफ देखते हुए कहा" कितना पढ़ी हो आप आपको,क्या अच्छा लगता है। घूमना अच्छा लगता है या खाना बनाना अच्छा लगता है। यह सब पूछने के बाद राज ने आखिर शालू को यह सवाल पूछ ही लिया। क्या मैं आपको पसंद हूं क्या? उसने आगे से जवाब दिया। मेरे पापा की पसंद मेरी पसंद, इसके बाद शालू ने कहा शायद हमें अब चलना चाहिए। जैसे ही वह अंदर की तरफ आए शालू के पापा ने कहा हमें इजाजत दो अब जाने की, बहुत देर हो चुकी है इसके 10 दिन बाद ही राज और शालू की शादी है।
कहानी में नया मोड़
शादी की पहली रात ने तो पूरी कहानी को ही बदल दिया जैसे ही राज शालू के कमरे में आया। तो शालूूू ने राज को यह कहा" कि मैंं आपसे कोई जरूरी बात करना चाहती हूं। मैं किसी लड़के से प्यार करती हूं तुम्हारे साथ संबंध नहीं बना सकती लेकिन तुम चिंता मत करो। मैं तुम्हें जर्मन ले जाऊंगी यह सुनते ही राज के पैरों तले जमीन खिसक गयी। उसने ने कहा" तुमने मेरे ही ऐसा क्यों किया मुझेे पहले क्यों नहीं बताया। उसी वक्त शालू ने कहा" धीरे बोलो कोई सुन लेगा। इतना कहते ही वह सोने के लिए लेट गई। और बेचारा राज सारी रात भर जागता रहा।
जब अकेला होता तो कमरा बंद करके रोने लग जाता। राज के साथ एक महीना रहने के बाद शालू अपनी फैमिली के साथ वापिस जर्मन चली गई। इस के बाद एक दिन राज ने बड़े धैर्य से काम लिया। और अपनी साली पूजा को फोन लगाया। और सारी बात बता दी, फिर क्या था दोस्तों राज के ससुर को जब बात पता चली तो उसने शालू को बहुत डांटा शालू की गलती होते हुए भी उसकी मम्मी उसका साथ दे रही थी। लेकिन राज का ससुर अपने दामाद राज का, इन्हीं बातों को लेकर राज की सास और ससुर का इतना झगड़ा हुआ कि एक दिन उन दोनों का तलाक हो गया। और पूजा अपने पापा के साथ जर्मन के किसी नए दूसरे शहर में रहने के लिए निकल आई।
कहानी में दूसरा मोड़
इस के बाद राज की साली पूजा ने एक दिन राज को फोन पर कहा" कि हम शालू की करतूत पर बहुत शर्मिंदा है। हमें माफ कर दो, हम आपकी और बेज्जती नहीं होने देंगे अगर आप बुरा ना मानो तो मैं यह कहना चाहती हूं। क्या आप मुझसेे शादी करोगे, यह बात सुनते ही राज ने सारी बात अपने घरवालों को बताई। लेकिन उसके मम्मी पापा ने मना कर दिया। फिर एक दिन राज केे ससुर ने अपने बचपन के दोस्त राज के पापा को फोन किया राज और पूजा की शादी करने के लिए। राज के पापा के मना करने पर शालू के पापा ने कहा" अरे यार मैंने राज के लिए मेरी बेटी शालू और मेरी पत्नी को छोड़ दिया है। अब हमारा तलाक हो चुका है। पति और पत्नी का, यह सुनते ही राज के पापा की आंखों से आंसूू बहने लगे। उसने कहा तुम जैसा चाहोगे वैसा ही होगा।
कहानी में तीसरा मोड़
इस के ठीक 6 महीनों के बाद पूजा और उसका पापा इंडिया आये। तब राज और पूजा की शादी कर दी गई। पूजा शालू से ज्यादा समझदार थी। और रिश्तो को बखूबी से निभाना जानती थी। 15 दिन बाद पूजा राज के साथ रहकर वापिस जर्मन चली गई। इस के बाद पूजा के पापा ने भी बिना सोचे समझे किसी दूसरी औरत के साथ शादी कर ली, वह बहुत ही बेरहम औरत थी। वह नहीं चाहती थी के पूजा का पापा अपनी बेटी से मिले, इस तरह पूजा अपने पापा सेे भी दूर हो गई सदा के लिए कई साल बीत जाने के बाद एक दिन पूजा की पहली मम्मी पूजा को मिलने पूजा के घर पर आई। लेकिन पूजा ने उसे देखते ही मुंह फेर लिया। तब राज ने पूजा को समझाया और कहा" अब सब कुछ भूल जाओ जहां प्यार होता है! वहां नोकझोंक तो होती ही रहती है। यह सुनकर पूजा अपनी मम्मी के गले लग कर फूट-फूट कर रोने लगी।
उसी वक्त राज ने अपनी सास को शालू के बारे में पूछा" उसने बताया कि शालू तो अब अकेली रहती है। उसके प्रेमी ने उससे शादी करने से मना कर दिया था। अब पछताने का क्या फायदा, किसी ने ठीक ही कहा है के अब पछताए होत जब चिड़िया चुग गई खेत समय निकल जाने के बाद कुछ भी हाथ नहीं आता इस तरह से दोस्तों तुम्हें भी अपने रिश्तो को बनाकर रखना चाहिए और यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें सोच समझकर ही अपने कदम रखने चाहिए और अपने मां बाप की भी माननी चाहिए क्यों के उनका अनुभव हमसे कहीं ज्यादा होता है। वह हमारे लिए जो भी सोचते हैं।